21 विदेशी तब्लीगी भेजे गए जेल
लखनऊ (एजेंसी)। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को और अधिक गति देने वाले दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल देशी के साथ विदेशी तब्लीगी जमातियों के खिलाफ प्रदेश में कड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है। क्वारंटाइन का समय पूरा होने के बाद अभी तक 24 विदेशी जमातियों को जेल भेजा गया है।
उत्तर प्रदेश में रविवार सुबह तक 464 कोरोना पॉजिटिव में से 264 तब्लीगी जमाती हैं। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में भारत के लोगों के साथ बड़ी संख्या में मलेशियाश्रीलंका, नेपाल, किर्गिस्तान, थाइलैंड तथा अन्य देशों के तब्लीगी जमाती शामिल थेइनके सम्पर्क में आने वाले भारत के जमाती या तो पॉजिटिव हैं या फिर संदिग्ध हैइन सभी को प्रदेश के विभिन्न जिलों में क्वारंटाइन किया गया था। इनके क्वारंटाइन की अवधि पूरी होने के बाद इन सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है।
इन सभी ने देश में लॉकडाउन के दौरान उसका उल्लंघन किया था। इस नियम तो तोड़ने के कारण तब्लीगियों पर उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी कार्रवाई शुरू की है। बहराइच में इस प्रकरण में 17 विदेशी को बहराइच जेल मे भेजा गया है। सभी को 14 दिन के लिए बहराइच जिला जेल में अलग बैरक में रखा गया है। बहराइच पुलिस की इन सभी पर निगाह थी। पुलिस ने 14 दिन क्वारंटाइन की अवधि पूरी करने के बाद इनको जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने सभी विदेशी नागरिकों के पासपोर्ट को जब्त करने के साथ विदेशियों के दूतावासों को इनके बारे सूचित कर दिया है।
इन सभी को महामारी अधिनियमआपदा प्रबंधन अधिनियम, विदेशी अधिनियम, पासपोर्ट नियमों के उल्लंघन में जेल भेजा गया है। इनके साथ चार भारतीय भी हैं। 17 विदेशी नागरिक और चार भारतीयों को क्वारेंटाइन अवधि खत्म होने के बाद मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया थाबहराइच पुलिस ने शहर की ताज और कुरैश मस्जिद से इंडोनेशिया और थाइलैंड के 17 विदेशी नागरिकों समेत 21 तबलीगी जमातियों को पकड़ा था, जिन्हें क्वारेंटाइन में रखा गया था।इनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। बहराइच के पुलिस अधीक्षक विपिन मिश्रा ने बताया कि तबलीगी जमात के 21 सदस्यों को रिमांड पर लिया है। यह सभी लोग पहचान छुपाकर रह रहे थे। इनमें इंडोनेशिया के 10, थाईलैंड के सात और चार भारतीय भी हैं।
इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा
विदेशी तब्लीगी जमातियों पर पुलिस महामारी, आपदा प्रबंधन, विदेशी विषयक अधिनियम व 188, 269 आइपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस की निगरानी में जमातियों को क्वारंटाइन शेल्टर में रखा गया था।